इन
उजालों ने तो तहजीब
मिटाकर रख दी,
इससे
तो अच्छा था हर सम्त
अंधेरा होता।
1.तहजीब
- सभ्यता 2. सम्त - ओर
एक
शख्स मिला था कड़ी धूप
में मुझे,
पानी
की आरजू में लहू बेचता हुआ।
एक
ही उल्लू काफी है बर्बाद गुलिस्तां
करने को।
हर
शाख पै उल्लू बैठा
है अंजामे-गुलिस्तां क्या होगा
किसी
जा गर्द में मोती, कहीं है गर्द मोती
में
तेरी
राहों को ऐ तकदीर
मैंने खूब छाना है।
-'आर्जू'
लखनवी
1.जा
- स्थान, जगह 2.गर्द - रज, धूल, खाक
गम
नहीं तो लज्जते-शादी
नहीं,
बेअसीरी
लुत्फे -आजादी नहीं।
- असर
लखनवी
1.लज्जत
- (i) स्वाद, मजा (ii) आनन्द, लुत्फ 2.शादी - हर्ष, आनन्द 3.बेअसीरी - बिना कैद
गरीब
लहरों पै पहरे बिठाये
जाते हैं,
समंदरों
की कोई तलाशी नहीं लेता।
घर
में मिलेंगे उतने ही छोटे कदों
के लोग,
दरवाजे
जिस मकान के जितने बुलंद
हैं।
छुप
के आई हजार पर्दों
में,
आर्जू
फिर भी बेलिबास रही।
जिन्हें
जमीं पै भी चलने
का शऊर नहीं,
उन्हीं
का है यह तकाजा
कि आसमाँ लेलो।
तवारीखों
में कुछ ऐसे भी मंजर हमने
देखे है,
कि
लम्हों ने खता की
थी, और सदियों ने
सजा पाई।
1.तवारीख
- इतिहास
देखा
है जिन्दगी को कुछ इस
करीब से,
चेहरे
तमाम लगने लगे हैं अजीब से।
-साहिर
लुधियानवी
फलक
के तारों से क्या दूर
होगी जुल्मते-शब,
जब
अपने घर के चरागों
से रौशनी न मिली।
-आनन्द
नारायण 'मुल्ला'
बदनसीबी
का मैं कायल तो नहीं मगर,
मैंने
बरसात में जलते हुए घर देखे हैं।
बरसी
वहीं वहीं पर समन्दर थे
जिस जगह,
ऊपर
से हुक्म था तो घटाएं
भी क्या करें।
बस
ऐ बहार तेरी अब जरूरत नहीं
रही,
बुलबुल
ने कर दिया है
निशेमन सुपूर्दे-जाग।
1.सुपूर्दे-जाग - कौए को सुपूर्द
मैं
जिसके हाथ में एक फूल देकर
आया था,
उसी
के हाथ का पत्थर मेरी
तलाश में है।
-कृष्ण
बिहारी नूर
यह
इन्सां फूल भी है, खार
भी है,
यह
मोम भी है तलवार
भी है।
हर
एक दिल में है इसकी हुकूमत,
इसी
से इक जहाँ बेजार
भी है।
-साहिर
लुधियानवी
1.खार
- कांटा 2.बेजार - परेशान
यह
इन्किलाबे - दौरे - जमाना तो देखिए,
मंजिल
पै वो मिले जो
शरीके-सफर न थे।
-अनवर
साबरी
1.इन्किलाबे-दौरे-जमाना - जमाने का बदलाव, परिवर्तन
या उलट-फेर, समय का उलट-फेर
2.शरीके-सफर - सफर में शामिल
यह
चलती-फिरती सूरतें जो देखते हैं
आप,
कितने
हैं इनमें वाकई इंसाँ न पूछिए।
-कमर
जाफरी
रहजनों
से तो भाग निकला
था,
अब
मुझे रहबरों ने घेरा है।
1.रहजन-
लुटेरा रास्ते में पथिकों को लूट लेने
वाला, बाटमार
2. रहबर
- पथप्रदर्शक, आगे-आगे चलने वाला,
रास्ता
बताने वाला
राहबर
रहजन न बन जाए
कहीं, इस सोच में,
चुप
खड़ा हूँ भूलकर रस्ते में मंजिल का पता।
-आरजू
लखनवी
सभी
कुछ तो रहा है
इस तरक्की के जमाने में,
मगर
यह क्या गजब है आदमी इंसाँ
नहीं होता।
-खुमार
बाराबंकवी
हजारों
नग्मा -ए- दिलकश मुझे
आता है ऐ बुलबुल,
मगर
दुनिया की हालत देखकर
चुप हो गया हूँ
मैं।
-आसी
उल्दानी
हम
अपने दिल के मुकामात से
हैं बेगाने,
इसी
में वरना हरम है, इसी में बुतखाने।
-शाद
अजीमाबादी
1.मुकामात
- स्थान, जगह, ठहरने का स्थान, घर,
मकान 2. बेगाना- अपरिचित, अनजान 3.हरम - काबा, खुदा का घर
4. बुतखाना
– मंदिर, मूर्तिगृह,
हम
आह भी भरते हैं
तो हो जाते हैं
बदनाम,
वह
कत्ल भी करते हैं
तो चर्चा नहीं होती।
हमने
एक शाम चरागों से सजा रखी
है,
शर्त
लोगों ने हवाओं से
लगा रखी है।
हमने
कांटों को भी नरमी
से छुआ है लेकिन,
लोग
बेदर्द हैं फूलों को मसल देते
हैं।
हमारे
अहद के इन्सान है
जहीन बहुत,
जमीर
बेचकर शोहरत खरीद लेते हैं।
1.अहद-
युग,समय,जमाना 2.जहीन - अक्लमंद, होशियार
हर
जीन्स के ख्वाहाँ मिले
बाजारे-जहां में,
लेकिन
न मिला कोई खरीदारे - मुहब्बत।
1.जीन्स–
चीज 2. ख्वाहाँ - चाहने वाला, ख्वाहिश रखने वाला
हर
मोड़ पै मिल जाते
हैं हमदर्द हजारों,
शायद
मेरी बस्ती में अदाकार बहुत है
है
चमक तेरी जबीं पर जरा दिल
भी देख जाहिद,
जो
जगह है रौशनी के
लिए वहीं रौशनी नहीं।
1.जबीं - माथा
J.M.R. Casino - Joliet - TripAdvisor
ReplyDeleteJ.M.R. Casino. Location: Joliet, Illinois. J.M.R Casino. Location: 양산 출장샵 Joliet, Illinois. 포항 출장샵 J.M.R. Casino. 영천 출장마사지 (map). 경상남도 출장샵 J.M.R. Casino Rating: 4 · 1,961 순천 출장마사지 reviews · Price range: $$