आँख पर पट्टी रहे और अक्ल पर ताला रहे
आँख पर पट्टी रहे और अक्ल पर ताला रहे
अपने शाहे वक्त का यूँ मर्तबा आला रहे
देखने को दे उन्हें अल्लाह कंप्यूटर की आँख
सोचने को कोई बाबा बाल्टी वाला रहे
तालिबे शोहरत* हैं कैसे भी मिले मिलती रहे
आये दिन अखबार में प्रतिभूति घोटाला रहे
एक जनसेवक को दुनिया में अदम क्या चाहिए
चार छै चमचे रहें माइक रहे माला रहे
* तालिबे शोहरत - प्रसिद्धि की इच्छा रखने वाला
* तालिबे शोहरत - प्रसिद्धि की इच्छा रखने वाला
अदम गोंडवी
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